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राजगढ धाम पर हुआ अखण्ड़ ज्योति का विधिवत समापन

करे रक्तदान दे जीवनदान : चम्पालाल महाराज

नसीराबाद (योगेन्द्र बुलचन्दानी)श्री मसाणिया भैरव धाम राजगढ़ पर चल रहे शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव के समापन समारोह में श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा। देश-प्रदेश के श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला नवमी रात्रि से ही हो गया । बाबा भैरव व माँ कालिका के जयघोष के साथ मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज द्वारा मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की पूजा-अर्चना कर बाबा भैरव व माँ कालिका की आरती की गई। तत्पश्चात महाराज ने परिवार सहित सातों बहना माता रानी की पूजा अर्चना कर माता के प्रसाद का भोग लगाय व आरती की। धाम के प्रवक्ता अविनाश सेन ने बताया कि मंदिर परिसर को दुल्हन की तरह विशेष फूलो से सजाया गया जिसके कारण धाम परिसर अदभुद खुशबू से महक रहा था व गुलाबी और दूधिया रोशनी से भव्य प्रांगण जगमगा रहा था। चम्पालाल महाराज ने आये हुए श्रद्धालुओ को संबोधित करते हुए कहा कि सत्य परेशान हो सकता है पराजित नही। जो भी भक्त सच्ची आस्था के साथ धाम पर आता है अवश्य ही वो कुछ ना कुछ पाकर जरूर जाता है। महाराज ने श्रद्धालुओ से नशे को त्याग करने व अधिक से अधिक रक्तदान करने को कहा ओर बताया कि आपका रक्तदान किसी को जीवनदान दे सकता है। मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज द्वारा शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव दस दिनो तक चली अखण्ड़ ज्योति का प्रातःकाल विधिवत समापन किया गया। समापन के दौरान नसीराबाद सदर थाना अधिकारी प्रहलाद सहाय मय जाप्ता मुश्तैदी के साथ नजर आ रहे थे। समापन के पश्चात धाम पर आये हुए सभी श्रद्वालुओ को बाबा भैरव ने अपने कर कमलो से सभी को दशम तक चली अखण्ड ज्योति की विशेष रामबाण औषधि रूपी चिमटी (भभूत) का वितरण किया गया। धाम पर यह अखण्ड़ ज्योति निरन्तर 24 घण्टे लगातार 9 दिनो तक प्रज्जवलित रही। इस अखण्ड़ ज्योति की विशेषता यह है कि जिस पात्र में इसको प्रज्जवलित किया जाता है उसमे हजारों नारियल की चिटक, कई पीपे तेल के व धूप हवन सामग्री ड़ालने पर भी यह पात्र कभी भरता नही है। इस अखण्ड़ ज्योति के दर्शन मात्र से ही आये हुए सभी श्रद्वालुओ के रोग कष्ट बाधाए आदि दूर हो जाती है। धाम पर आये श्रद्वालुओ ने सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ की विशेष परिक्रमा कर बाबा भैरव से अपनी मन्नत मांगी। नवमी की रात्रि मे अजमेर की भजन गायिका ज्योति सैनी व ममता सोनी ने अपनी मधुर आवाज में अंगना पधारो महाराणी म्हारी कालका भवानी, राजगढ़ भैरूजी थारो देवरो रे, हेला पे हेलो देउ म्हारी माँ, भैरू जी नाना रे नाना, दरबार है निराला काली के लाल का, अब तो आजा रे भैरू जी, मैया रानी तो छिप रही पहाड़ा मे, आजा ये भवानी, राजगढ मे लाग्यो दरबार, झीणी झीणी उडे रे गुलाल आदि भजनो को सुनकर मंत्रमुग्ध होकर झूम-झूम कर नाचने लगे। शारदीय नवरात्रा महोत्सव के दौरान जिला प्रशासन द्वारा 10 दिनो तक विशेष पुलिस बल तैनात किया गया एवं चिकित्सा विभाग द्वारा मेडिकल की टीम लगाकर व्यवस्था की गई।

मातामंगरी व राजगढ़ गांव की और से चढा झंड़ा

राजगढ़ धाम पर शारदीय नवरात्रा मेला महोत्सव के समापन समारोह से पूर्व नवमी की रात्रि में निकटवृति गांव मातामंगरी और राजगढ़़ ग्रामवासियो की और से ठा. प्रेम सिंह गौड़ के नेतृत्व में बाबा भैरव नाथ व मां कालिका के झंड़ा चढाया गया। झंडा रात्रि को ग्राम राजगढ़ सदर बाजार से प्रारम्भ होकर ढोल ढमाको पर नाचते गाते झुमते हुए चक्की वाले बाबा के मंदिर पर धोक लगाई फिर वही से जुलुस के रूप में ग्रामवासी नाचतें गाते मुख्य मंदिर सर्वधर्म मनोकामनापूर्ण स्तम्भ पर चल रही अखण्ड़ ज्योति स्थल पर पहुँचा। धाम पर ठा प्रेम सिंह गौड़ के नेतृत्व में श्याम सेन, कमल शर्मा, गणपत सिंह, रामलाल, सलीम, कुलदीप, बलराम, पाँचू माली, हरी माली, सदानन्द विश्वास, नारायण मोर्य, रामदेव माली, मोनू गुर्जर, भाचन्द माली आदि राजगढ़़ ग्रामवासियो की और से मुख्य उपासक चम्पालाल महाराज का शाफा व शॉल ओढाकर भव्य स्वागत किया गया। शारदीय नवरात्रा मेले के दौरान सुचारू व्यवस्था संभालने के लिए व्यवस्थापक ओमप्रकाश सैन, रमेश चन्द सेन, अविनाश सैन, यश, प्रकाश रांका, राहुल सैन के साथ, राजू चावड़ा, कमल शर्मा, दीपक बसीटा, राजकुमार त्रिपाठी, उज्जवल राठौड, मनोहर सिंह, धर्मेन्द्र, सुरेश दायमा, तिलोक जटिया, विजय सिंह रावत, महेन्द्र रावत, रामसिंह बाबल, मोहन छीपा, कैलाश सेन, श्रवण रावत, चेतन आनन्द, शंकरनाथ, पदमचन्द जैन, सुरेश गुर्जर, बाबू भाई, सुरेश काकाणी, रामप्रसाद मोर्य, अजीत चौधरी, हंसराज भडाणा, अमिताभ, भूपेन्द्र, मनीष, कन्हेयालाल, देवानन्द, रामलाल, अजय, विनय, ओम माली, अमिताभ, लक्ष्मीनारायण आदि का विशेष योगदान महत्वपूर्ण रहा।

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