श्री वैष्णव युवा सेवा समिति नसीराबाद के तत्वावधान में अक्षय तृतीया को दिलवाडी में आयोजित सामुहिक विवाह सम्मेलन में 22 जोड़े बन्धे परिणय सूत्र में
नसीराबाद (योगेन्द्र बुलचन्दानी)श्री वैष्णव युवा सेवा समिति नसीराबाद के तत्वावधान में तृतीय आदर्श सामुहिक विवाह सम्मेलन अक्षय तृतीया को दिलवाडी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय के पास स्थित हनुमान मंदिर पर आयोजित किया गया। समिति अध्यक्ष रामस्वरूप वैष्णव दिलवाडी व सम्मेलन अध्यक्ष पुखराज वैष्णव सनोद ने जानकारी देते हुए बताया कि बुधवार को प्रातः 8.30 बजे बरात स्वागत किया गया। इसके पश्चात देवजी मंदिर से गाजे बाजे के साथ संत श्री रामदास त्यागी, खारी का लाम्बा के सानिध्य मे सभी 22 वर वधूओ की निकाली गई। जिसमें संत महात्मा बग्गी पर व सभी वर घोड़े पर एवं वधुएं बग्गी मे बैठाकर शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के आगे ढोल व बैण्ड बाजो पर समाज की महिलाएं युवा नाचते नजर आये । इसके पश्चात बालाजी मंदिर के सामने सामुहिक तोरण व वरमाला की रस्म की गई। इसके पश्चात पाणिग्रहण संस्कार आचार्य पण्डित पवन दाधीच देरांठू एवं उनके साथी पण्डितो के द्वारा सम्पन्न कराया गया। दोपहर 2 बजे से अतिथि सत्कार इसके पश्चात विदाई कार्यक्रम आयोजित किया गया। समिति द्बारा द्वारा वधु को सभी घरेलू जरुरत के सभी सामान उपहार के रुप में प्रदान किए गये । कार्यक्रम के दौरान सभी भामाशाहो व अतिथियों का समिति की ओर से माला , दुपट्टा व शील्ड देकर सम्मान किया गया।आयोजित सामुहिक विवाह सम्मेलन मे संत महन्त श्री रामदास त्यागी खारी का लाम्बा , मुख्य अतिथि श्यामसुन्दर नरहरियानन्दी (हरिद्वार) अध्यक्ष राष्ट्रीय महासभा अजमेर, रामस्वरूप वैष्णव (ठेकेदार) किशनगढ़, उत्तम वैष्णव ताजपुरा अध्यक्ष राष्ट्रीय युवा महासभा अजमेर उपस्थित थे। वैवाहिक कार्यक्रम में अजमेर जिले की समस्त समाज की समितियो के अध्यक्ष व पदाधिकारियों ने भी उपस्थित प्रदान की । कार्यक्रम में समिति पदाधिकारी राधेश्याम वैष्णव दिलवाडा, कैलाश वैष्णव नान्दला, बजरंग वैष्णव बहेड़ा, सत्यनारायण वैष्णव भटियाणी, मुकेश वैष्णव, सुरेन्द्र देवमुरारी देरांठू, धर्मराज वैष्णव लोहरवाड़ा, अशोक वैष्णव दिलवाडा, चमन वैष्णव मण्डियाणी, रामदयाल वैष्णव लीडी, राधेश्याम वैष्णव श्री नगर , मुकेश वैष्णव बडला, सियाराम वैष्णव बहेड़ा, रामावतार वैष्णव मण्डियाणी, धर्मराज वैष्णव, राजू वैष्णव दिलवाडी , धर्मराज, सत्यनारायण, रामकुंवार, राजू वैष्णव दिलवाड़ा का विशेष सहयोग रहा है।