शक की बीमारी अक्सर रिश्तों को इतना खोखला कर देती है कि इंसान को केवल एक ही रास्ता दिखता है-मौत। महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर में ऐसी ही एक दुखद घटना सामने आई।
यह घटना छत्रपति संभाजीनगर के कन्नड़ तालुका के करजनखेड़ा में हुई, जहां 26 साल की प्रतीक्षा गवारे ने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या का कारण था-पति का शक। प्रतीक्षा की शादी सिर्फ 5 महीने पहले ही हुई थी, और उसका पति एक डॉक्टर था। पति के शक और प्रताड़ना से तंग आकर प्रतीक्षा ने अपनी जान ले ली।
आत्महत्या से पहले, प्रतीक्षा ने एक सुसाइड नोट लिखा जिसमें उसने अपनी प्रताड़ना की कहानी बयान की। सात पन्नों के इस लेटर में प्रतीक्षा ने अपने पति प्रीतम गवारे द्वारा झेली गई पीड़ा का वर्णन किया। पुलिस ने आरोपी पति के खिलाफ दहेज और आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में मामला दर्ज कर लिया है। प्रतीक्षा ने लिखा कि उसने अपने पति के लिए बहुत कुछ बदला, लेकिन उसके पति का शक खत्म नहीं हुआ। उसने अपने सपने, अपनी इच्छाएं सब कुछ त्याग दिया, लेकिन अंततः हारकर उसने मौत को गले लगा लिया।
अपने सुसाइड नोट में प्रतीक्षा ने लिखा, “प्रिय, मैं तुमसे बहुत प्यार करती थी। मैं तुम्हारे लिए खुद को भूल गई थी, लेकिन तुमने मेरी हंसती-खेलती जिन्दगी को दुख में बदल दिया। तुमने एक महत्वाकांक्षी लड़की को आश्रित बना दिया। मैंने तुमसे ढेर सारे सपनों के साथ शादी की थी। मुझे लगा था कि तुम मेरे करियर में मेरा साथ दोगे और हमारा छोटा सा परिवार होगा। लेकिन तुम्हारा शक मुझे खा गया।”
प्रतीक्षा ने आगे लिखा, “मैंने सब कुछ छोड़ दिया, क्योंकि तुमने मुझसे ऐसा करने को कहा। मैंने अपने दोस्तों, रिश्तेदारों, माता-पिता से बात करना भी बंद कर दिया, क्योंकि तुम्हें गुस्सा आता था। लेकिन फिर भी तुम्हारा शक खत्म नहीं हुआ। तुम मुझ पर संदेह करते रहे, जबकि मैं तुम्हारे प्रति पूरी तरह से ईमानदार थी। मैं स्त्री रोग विशेषज्ञ बनना चाहती थी, लेकिन तुमने मेरे सपनों को चकनाचूर कर दिया। अब मैं जा रही हूं, सास का ख्याल रखना और मुझे भूलकर खुशी से रहो। अगर कभी मुझसे थोड़ा भी प्यार किया हो, तो मुझे गले लगाना और चिता पर लिटा देना।”